अटल सुरंग,,atal tunnel
दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग ‘अटल सुरंग’ 9.02 किलोमीटर लंबी है । यह सुरंग मनाली को वर्ष भर लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी। पहले घाटी करीब 6 महीने तक भारी बर्फबारी के कारण शेष हिस्से से कटी रहती थी। इस सुरंग के बनने से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी और यात्रा का समय भी 4 से 5 घंटे तक कम हो जाएगा। भारी बर्फबारी के बावजूद भी लोग अब मनाली से लाहौल स्पीति आसानी से आ-जा सकेंगे।
*इस टनल की खासियतें*
9 किलोमीटर लंबी अटल टनल के निर्माण से लेह-लद्दाख में सरहद तक पहुंचने के लिए 46 किलोमीटर सफर कम होने के साथ ही यह टनल भारतीय सेना को सामरिक रूप से मजबूती भी प्रदान करेगी। सेना को सीमा में पहुंचने के लिए समय कम लगेगा और बर्फबारी के दौरान सैन्य सामान पहुंचाना भी आसान होगा। यह सुरंग हिमाचल प्रदेश के मनाली को लाहौल स्पीति और लेह-लद्दाख से जोड़ेगी। अटल टनल का साउथ पोर्टल मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर करीब 3060 मीटर की उंचाई पर स्थित है। वहीं टनल का उत्तरी छोड़ लाहौल घाटी के सीसू के तेलिंग गांव में 3071 मीटर की उंचाई पर स्थित है।
*46 किलोमीटर कम हो जाएगी मनाली और लेह के बीच दूरी*
- *लाहौल स्पीति और लेह-लद्दाख के बीच हर मौसम में आवागमन सुचारू होगा।*
*- हर 60 मीटर पर एक अग्नि शामक।*
*- हर 150 मीटर पर टेलीफोन उपलब्ध होगा।*
*- हर 250 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे, प्रसारण प्रणाली, हादसों का स्वत: पता लगाने की प्रणाली*।
*- हर 500 मीटर पर आपातकालीन निकास सुविधा।*
*- हर एक किलोमीटर में हवा की गुणवत्ता निगरानी।*
*- हर 2.2 किलोमीटर की दूरी पर मोड़।*
*- यह 10.5-मीटर चौड़ी सिंगल ट्यूब बाय-लेन टनल है।*
*- इस टनल में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से वाहन दौड़ सकेंगे*।
*घोड़े की नाल जैसा आकार
*हर दिन 3 हजार वाहन गुजर सकेंगे इस टनल से। भारी से भारी वाहन भी आसानी से इस टनल से गुजर सकेंगे।*
बता दें कि इस टनल का निर्माण कार्य वर्ष 2010 में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मार्गदर्शन में स्ट्रॉबेग एफकॉन कंपनी ने शुरू किया था। सर्दियों के दौरान माइनस 23 डिग्री सेल्सियस तापमान में कंपनी व बीआरओ के इंजीनियर व मजदूरों ने इसके निर्माण को पूरा किया है। गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था और सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। मोदी सरकार ने दिसंबर 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय किया था।
*बौद्ध शैली में बना प्रवेश द्वार*
अटल टनल के दोनों ओर आकर्षण द्वार बनाए गए हैं। मनाली की ओर कुल्लवी शैली में जबकि लाहुल की ओर बौद्ध शैली में द्वार बनाए गए हैं। अटल टनल के साथ यह प्रवेश द्वार भी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे।- घोड़े की नाल के आकार वाली दो लेन वाली सुरंग में आठ मीटर चौड़ी सड़क है और इसकी ऊंचाई 5.525 मीटर है। अटल सुरंग का डिजाइन प्रतिदिन तीन हजार कारों और 1500 ट्रकों के लिए तैयार किया गया है।
VIVEk Kumar Pol science sr no 38
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akanksha sharma sr no.13major hindi
ReplyDeletePoonam devi
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