सिंहकारक मूर्खब्राह्मण कथा

 2. सिंहकारक मूर्खब्राह्मण कथा

वरं बुद्धिर्न सा विद्या विद्याया बुद्धिरुत्तमा।                   बुद्धिहीना विनश्यन्ति, यथा ते सिंहकारकाः॥ 19॥ 

शब्दार्थ= श्रेष्ठ है, विद्यायाः = विद्या से, विनश्यन्ति = नष्ट हो जाते हैं, यथा = जैसे, ते = वे, सिंहकारकाः शेर बनाने वाले।

सरलार्थ-विद्या की अपेक्षा बुद्धि श्रेष्ठ होती है। उत्तम विद्यायुक्त व्यक्ति भी बुद्धि के अभाव में शेर को जीवित करने वाले ब्राह्मणों की तरह नष्ट हो जाते हैं।

चक्रधर आह-"कथमेतत् ? सुवर्णसिद्धिराह
चक्रधर ने कहा-"यह कैसे ?" सुवर्णसिद्धि ने बताया कि

कस्मिंश्चिदधिष्ठाने चत्वारो ब्राह्मणपुत्राः परस्परं मित्रभावमुपगता वसन्ति स्म। तेषां त्रयः शास्त्रपारङ्गताः, परन्तु बुद्धिरहिताः। एकस्तु बुद्धिमान् केवलं शास्त्रपराङ्मुखः। अथ तैः कदाचित् मित्रैर्मन्त्रितम्-“को गुणो विद्यायाः, येन देशान्तरं गत्वा, भूपतीन्, परितोष्यार्थोपार्जन: न क्रियते। तत्पूर्वं देशं गच्छामः।" शब्दार्थ-अधिष्ठाने = नगर में, चत्वारः =: चार, उपगताः प्राप्त हुए, वसन्तिस्म = रहते थे, तेषां = उनमें से, तीन, शास्त्रपारङ्गताः = शास्त्रनिष्णात, शास्त्रपराड्मुखः-शास्त्रों को न जानने वाला, मन्त्रितम् = परामर्श गुणः लाभ, भूपतीन् = राजाओं को, परितोष्य = प्रसन्न करके, अर्थोपार्जन:= धन की कमाई। 

सरलार्थ-किसी नगर में चार ब्राह्मण पुत्र आपस में मित्र भाव से रहते थे। उनमें से तीन शास्त्रज्ञ परन्तु मूर्ख थे। चौथा था तो बुद्धिमान् परन्तु अनपढ़ था। एक बार उन मित्रों ने सलाह की कि उस विद्या का क्या लाभ, जिससे किसी स्थानान्तर में जाकर तथा राजाओं को प्रसन्न करके धन न कमाया जाए। इसलिए हम पूर्व देश को चलते हैं।

तथाऽनुनिष्ठते किञ्चिन्मार्गं गत्वा, तेषां ज्येष्ठतरः प्राह-"अहो, अस्माकमेकश्चतुर्थो मूढः, केवलं बुद्धिमान्, न च राजप्रतिग्रहो बुद्धया लभ्यते विद्यां विना। तन्नास्मै स्वोपार्जितं दास्यामि। तद् गच्छतु गृहम्।" ततो द्वितीयेनाऽभिहितम्-"भोः सुबुद्धे! गच्छ त्वं स्वगृहं, यतस्ते विद्या नास्ति।" ततस्तृतीयेनाभिहितम्-"अहो, न युज्यते एवं कर्तुम् यतो वयं बाल्यात्प्रभृत्येकत्र क्रीडिताः, तदागच्छतु महानुभावोऽस्मदुपार्जितवित्तस्य समभागी भविष्यतीति। उक्तञ्च

शब्दार्थ-तथाऽनुष्ठिते = वैसा ही करने पर, ज्येष्ठतरः = सबसे बड़े ने, अस्माकमेकः = हममें से एक, राजप्रतिग्रहः = राजा द्वारा प्राप्त दान या राजकृपा, अस्मै = इसे, स्वोपार्जितं = अपना कमाया हुआ, दास्यामि = दूंगा, गच्छतु = चला जाए, अभिहितम् = कहा, यतः = क्योंकि, ते = तेरे पास, न युज्यते = ठीक नहीं है, बाल्यात्प्रभृति = बचपन से लेकर, एकत्र = एक स्थान पर, क्रीडिता = खेले हैं, समभागी- बराबर का भागीदार।

सरलार्थ-वैसा ही करने पर कुछ दूरी पर जाकर उनमें से सबसे बड़े ने कहा, दुःख की बात है कि हम में से चौथा केवल बुद्धिमान् परन्तु अनपढ़ है। राजाओं से दान, विद्या के विना बुद्धि से प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसलिए अपना कमाया हुआ धन मैं इसे नहीं दूंगा। इसलिए यह अपने घर चला जाए। तब दूसरे ने कहा-अरे सुबुद्धि ! तू अपने घर वापस चला जा क्योंकि तेरे पास विद्या नहीं है। तब तीसरे ने कहा-"ऐसा करना उचित नहीं है, क्योंकि हम बचपन से लेकर एक साथ खेले हैं या रहे हैं। इसलिए यह महानुभाव हमारे साथ आ जाए। यह हमारे द्वारा अर्जित धन का समभागी होगा। कहा भी है कि

किं तया क्रियते लक्ष्या, या वधूरिव केवला।
या न वेश्येव सामान्या पथिकैरुपभुज्यते॥20॥
 शब्दार्थ-तया = उससे, लक्ष्या = धन-दौलत से, या = जो, वधूरिव = वधू के समान, वेश्येव = वाराङ्गगना के समान, पथिकैः = यात्रियों द्वारा, न उपभुज्यते = नहीं भोगी जाती है।

सरलार्थ-जो धन-दौलत वेश्या के समान पथिकों के उपयोग में नहीं आ सकती है तथा केवल पतिव्रता वधू के समान एक ही व्यक्ति के उपभोग की वस्तु है-उस ऐश्वर्य से क्या लाभ है अर्थात् धन तो सर्वसामान्य के उपयोग में आना चाहिए।
तथा च,,
अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम्।
उदारचरितानान्तु वसुधैव कुटुम्बकम्॥ 21॥
 "तदागच्छत्वेषोऽपि" इति
 शब्दार्थ-अयम् = यह, निजः = अपना, पर: वा या दूसरे का, इति= इस प्रकार की, लघुचेतसाम् = तुच्छ हृदय वालों की, उदारचरितानाम् = उदार चरित्र वालों के लिए, वसुधा एव = सम्पूर्ण पृथ्वी ही,कुटुम्बकम्

और भी कहा है कि यह अपना है यह पराया है इस प्रकार के विचार हृदय वाले व्यक्तियों के होते हैं। उदारहृदय व्यक्तियों के लिए तो सारी पृथ्वी ही अपना परिवार है। इसलिए यह भी हमारे साथ चले तथाऽनुष्ठिते तैर्माश्रितैरटव्यां कतिचिदस्थीनि दृष्टानि। ततश्चैकेनाभिहितम्

-''अहो, अद्य: विद्याप्रत्ययः क्रियते। किञ्चिदेतत्सत्त्वं मृतं तिष्ठति। तद् विद्याप्रभावेण जीवनसहितं कुर्मः। अहमस्थिसञ्चयं करोमि। ततश्च तेनौत्सुक्यादस्थिसञ्चयः कृतः। द्वितीयेन चर्ममांसरूधिरं संयोजितम्। तृतीयोऽपि यावज्जीवनं सञ्चारयति, तावत्सुबुद्धिना निषिद्धः- “भो ! तिष्ठतु भवान्। एष सिंहो निष्पाद्यते। यद्येनं सजीवं करिष्यसि ततः सर्वानपि व्यापादयिष्यति।"

शब्दार्थ-मार्गाश्रितैः-मार्ग में जाते हुए, अटव्यां = जंगल में, कतिचिद् = कुछ, अस्थीनि = हड्डियाँ, दुष्टानि देखीं, अद्य आज, विद्याप्रत्ययः = विद्या की परीक्षा, सत्त्वं जीव, मृतं तिष्ठति = मरा हुआ है, अस्थिसञ्चयं करोमि = हड्डियों को यथा-स्थान संयोजित करता हूँ, संयोजितम् = सञ्चरित कर दिया, यावज्जीवनं सञ्चारयति ज्योहि जीवन सञ्चारित करने लगा, निषिद्धः रोक दिया, निष्पाद्यते = बनाया जा रहा है, सजीवं
-जीवित, व्यापादयिष्यति = मार डालेगा।

सरलार्थ-उन द्वारा वैसा मान लेने पर मार्ग में जाते हुए उन्होंने जंगल में कुछ हड्डियाँ पड़ी हुई देखीं। तब उनमें से एक ने कहा-"प्रसन्नता का विषय है कि आज विद्या की परीक्षा की जाएगी। यह कोई जीव मरा पड़ा है। तो विद्या के प्रभाव से हम इसे जीवित करेंगे। मैं हड्डियों को यथा स्थान नियोजित करूँगा। तब उसने उत्सुकता के कारण अस्थिनियोजन कर दिया। दूसरे ने उसमें चमड़ी-मांस एवं रक्त को प्रवाहित किया। तीसरा ज्योंहि उसमें जीवन का सञ्चार करने लगा तो सुबुद्धि ने उसे रोक दिया और कहा अरे ! रुक जाओ ! यह शेर जीवित किया जा रहा है। यदि आप इसे जीवित कर देते हैं तो यह सभी को मार डालेगा।"

इति तेनाभिहित: स आह-"धिङ् मूर्ख ! नाहं विद्याया विफलतां करोमि।" ततस्तेनाभिहितम्-'तर्हि प्रतीक्षस्व क्षणं, यावदहं वृक्षमारोहामि।" तथानुष्ठिते यावत् सजीवः कृतस्तावत्ते त्रयोऽपि सिंहेनोत्थाय व्यापादिताः। स च पुनर्वृक्षादवतीर्य, गृहं गतः। अतोऽहं ब्रवीमि-वरं बुद्धिर्न सा विद्या" इति। अत: परमुक्तं च सुवर्णसिद्धिना

शब्दार्थ-धिक् धिक्कार है, प्रतीक्षस्व इन्तज़ार करो (ठहरो), क्षणम् = क्षण भर, आरोहामि = चढ़ता हूँ, उत्थाय = उठ कर, व्यापादिताः = मार डाले, अवतीर्य= उतर कर, अतःपरम् = इसके पश्चात्। सरलार्थ-उसके ऐसा कहने पर उसने कहा- "मूर्ख तुझे धिक्कार है । मैं अपनी विद्या को व्यर्थ नहीं गवाऊँगा।" तब उसने (सुबुद्धि ने) कहा-'तो आप क्षण भर ठहरो, तब तक मैं वृक्ष पर चढ़ जाऊं।" उसके वैसा ही करने पर ज्योंहि उसने शेर को जीवित किया तो शेर ने उठकर उन तीनों को मार डाला और वह वृक्ष से उतर कर अपने घर चला गया। इसलिए मैं कहता हूँ कि विद्या से बुद्धि श्रेष्ठ होती है इत्यादि।

अपि शास्त्रेषु कुशला लोकाचारविवर्जिताः । 
सर्वे ते हास्यतां यान्ति, यथा ते मूर्खपण्डिताः ॥ 22॥

चक्रधर आह–'कथमेतत् ?' सोऽब्रवीत्शब्दार्थ-शास्त्रेषु = शास्त्रों में, लोकाचारविवर्जिताः = लोकव्यवहार से अनभिज्ञ, हास्यतां = उपहास को, यान्ति = प्राप्त होते हैं, अब्रवीत् = कहा।

सरलार्थ-शास्त्रों में निष्णात होने पर भी लोकव्यवहार से रहित वे सभी व्यक्ति उसी प्रकार उपहास के पात्र बनते हैं जैसे वे मूर्ख पण्डित बने थे। 22 ।।



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  1. VIVEk Kumar Pol science sr no 38 dehri

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  2. Neha Devi
    Major History
    Sr no 62

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  3. Name -Riya
    Major -History
    Sr. No. -76

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  4. Name -Riya
    Major -History
    Sr. No. -76

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  5. Anjli
    Major-Political science
    Minor- history
    sr.no-73

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  6. Divya Kumari major political science sr.no 60

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  7. Name Akshita Kumari Major Political Science Sr.No.70

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  8. Sejal kasav
    Major sub.- pol science
    Minor sub.- hindi
    Sr.no.-01

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  9. Name Priyanka devi
    Major History
    Ser No 30
    Major History.....

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  10. Shivam choudhary
    Sr. No. 78
    Major - political science

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  11. Name rahul kumar
    Major history
    Sr no. 92

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  12. Pallvi choudhary
    Major-pol. Sc
    Minor-history
    Sr. No-72

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  13. Akriti choudhary
    Major history
    Sr.no 11

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  14. Shivani Devi
    Sr no 46
    Major Hindi
    Minor history

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  15. Sonali dhiman political science Sr. no. 19

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  16. ektaekta982@gmail.com
    Varsha Devi Pol 24

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  17. Name jyotika Kumari Major hindi Sr no 5

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  18. Poonam devi sr no 23 major political science

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  19. Mamta Bhardwaj
    Sr no 01
    Major History

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  20. Name palvinder kaur major history sr no 9

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  21. Diksha Devi
    Major history
    Sr. No. 50

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  22. Tanvi Kumari
    Sr.no. 69
    Major. Pol.science

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  23. Pallavi pathania majer history sr.45 Dh

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  24. Neha Devi
    Major History
    Sr no 62

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  25. MAmta Devi sr no147major history

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  26. Sakshi Sr no 14
    Major Hindi
    Minor history

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  27. Akriti choudhary
    Major history
    Sr.no 11

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  28. Sourabh singh major Hindi minor history Sr no 20

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  29. Riya thakur
    Sr no. 22
    Major political science

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  30. Taniya sharma
    Pol. Science
    Sr no. 21

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  31. Riya thakur
    Sr no. 22
    Major political science

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  32. Riya thakur
    Sr no. 22
    Major political science

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  33. Anuj Riyal
    Major Pol. Science
    Sr. No. _ 02
    (Dheri)

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  34. Chetna choudhary Major pol science minor Hindi sr no 13

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  35. Name Richa Sr.no 35
    Major hindi

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  36. Sejal Kasav
    Major sub.- Pol science
    Minor sub - hindi
    Sr.no.-01

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  37. Tanu guleria
    Sr. No. 32
    Major political science

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  38. Priyanka choudhary major political science and minor Hindi sr no 12

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  39. sonali dhiman major political science Sr. no. 19

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  40. Poonam devi sr no 23 major political science dehri

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  41. Tanvi Kumari
    SR. No. 69
    Major . Pol.science

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  42. Monikasharma sr no.26 major hindi sr no.26 major hindi

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  43. Name -Riya
    Major -History
    Sr. No. -76

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  44. Bharti choudhary major political science and minor Hindi Sr no 30

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  45. Shivani Devi
    Sr no. 46
    Major Hindi
    Minor History

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  46. Divya Kumari major political science sr.no 60.

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  47. Shivam choudhary
    Sr. No. 78
    Major political science

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  48. Name - Riya
    Sr.no 49
    Major - political science
    Minor-. History

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  49. Tanu guleria
    Sr. No.32
    Major political science

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  50. Name rahul Kumar
    Major history
    Sr no 92

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  51. Sejal Kasav
    Major sub.pol science
    Minor sub.hindi
    Sr.no.1

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  52. Mamta Devi sr no 77 major history

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  53. Tanvi Kumari
    Sr. No. 69
    Major . Political science

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  54. Rishav sharma major pol science sr no 65

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  55. Taniya sharma
    Pol. Science
    Sr no. 21

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  56. Name monikasharma sr no.26 major hindi

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  57. Mehak
    Sr.no.34
    Major political science

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  58. Priyanka choudhary major political science and minor Hindi sr no 12

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  59. Shivam choudhary
    Sr. No. 78
    Major Political science

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  60. Shivani
    Sr no. 46
    Major Hindi
    Minor History

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  61. Jagriti Sharma
    Serial no. 2
    Major-Hindi

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  62. Name isha devi
    Sr. No 28
    Major history

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  63. Name Rahul kumar
    Major history
    Sr no. 92

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  64. Anjli
    Major political science
    Minor history
    Sr.no 73

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  65. Sourabh singh major Hindi minor history Sr no 20

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  66. Name jyotika Kumari Major hindi Sr no 5 minor history

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  67. Name Sakshi
    Sr no 14
    Major Hindi
    Minor history

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  68. Akshita kumari
    Major. political science
    Sr no. 70

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  69. Pallvi choudhary
    Major-pol.sc
    Minor- history
    Sr.no-72

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  70. Name Rahul kumar
    Major history
    Sr no. 92

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  71. Divya Kumari major political science sr.no60

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