वानर एवं मगरमच्छकथा

 वानर एवं मगरमच्छकथा 

वानर एवं मगरमच्छ की कथा पञ्चतन्त्र के लब्धप्रणाश नामक चौथे तन्त्र की आधारकथा है। इस तन्त्र की कथाओं में यह सिद्ध करने का प्रयास किया गया है कि बुद्धिकौशल के अभाव में प्राप्त हुई वस्तु भी नष्ट हो जाती है। कथा इस प्रकार है

समुद्र के किसी किनारे पर जामुन का एक बड़ा पेड़ था, जो सदैव अतीव स्वादिष्ट जामुनफलों से लदा रहता था। उस पेड़ पर रक्तमुख नाम का एक वानर रहता था। एक बार समुद्र से निकल कर करालमुख नाम का एक मगरमच्छ उस पेड़ के नीचे आया। वानर ने उसे अतिथि मानते हुए कुछ जामुन खाने को दिये। इस प्रकार उनकी परस्पर मैत्री हो गयी। तब से प्रतिदिन वे एक दूसरे के साथ मिलते जुलते और गोष्ठी (गप्प-शप्प) का आनन्द लेते। वानर प्रतिदिन मकर को फल खिलाता एक दिन मकर खाने से शेष बच्चे हुए कुछ जामुन अपनी पत्नी के लिए ले गया। पत्नी ने जब उन फलों को खाया तो वह आश्चर्य चकित हो गयी। उसने अपने पति से पूछा कि ये फल आप कहाँ से लाये मगरमच्छ ने बता दिया कि समुद्र के किनारे जामुन के पेड़ पर रहने वाला वानर मेरा मित्र है, उसी ने मुझे ये फल दिये हैं। माँसाहारी होने के कारण मकरी सोचने लगी जो जीव इन अमृततुल्य स्वादिष्ट फलों को खाता है उसका हृदय कितना स्वादिष्ट होगा। यह सोचकर उसने अपने पति से कहा कि यदि आप मुझसे प्रेम करते हैं तो उस वानर का हृदय लाकर मुझे दो ताकि मैं उसे खाकर अमर हो जाऊँ और हम चिरकाल तक भोगों को भोग सकें। वानर बोला-प्रिये! ऐसा मत कहो वह तो मेरे लिए भाई जैसा है और फिर हमें इतने मधुर फल भी खिलाता है। अतः मैं उसे नहीं मार सकता इसलिए तुम इस दुराग्रह को छोड़ दो।"

तब मकरी बोली-"आप तो कभी भी मेरी बात नहीं टालते थे। मुझे लगता है कि फल देने वाला वानर नहीं अपितु वानरी होगी जिसके प्रेमपाश में पड़कर तुम मेरा कहना नहीं मान रहे हो। तभी तो आप कई दिनों से उखड़े-उखड़े रहते हो तथा मुझसे पूर्ववत् प्रेम नहीं करते हो। तब मकर ने उसके पाँव पकड़ कर कहा कि आप कृपया कुपित न हों। जैसा तुम सोच रही हो वैसी कोई बात नहीं है। वह वानर ही है। मकरी बोली यदि वह आपकी प्रेमिका नहीं है और वह वानर ही है तो फिर आप उसे मारकर लाने में क्यों हिचकिचाते हो। मुझे आपसे इस विषय में अधिक बहस भी नहीं करनी है। मेरा दो टूक निर्णय सुन लो कि यदि तुम मुझे जीवित देखना चाहते हो तो मुझे उसका हृदय लाकर दो। जब तक तुम नहीं लाते हो तब तक मैं अनशन पर रहूँगी और अपने प्राण त्याग दूंगी।

उसके इस निश्चय को जानकर चिन्तित मनवाला मकर सोचने लगा कि नारियाँ दुराग्रही होती हैं। ऐसी स्थिति में मैं क्या करूँ ? उस मित्र को कैसे मारूँ। इस प्रकार मन में तर्क-वितर्क करता हुआ वह वानर के पास पहुँचा। वानर ने कहा- "मित्र! आज आप देरी से क्यों आये ?" उसने कहा-“मित्र! क्या बताऊँ आज आपकी भाभी ने मुझे बुरी तरह लताड़ा है कि तुम हमेशा मित्र के घर जाते हो वहाँ खाते हो परन्तु क्या आपको इतनी भी समझ नहीं है कि कभी उसे भी अपने घर बुलायें और उसे मेहमानबाजी करवायें। यह तो महापाप है और इसका कोई प्रायश्चित् भी शास्त्रों में नहीं है। इसलिए आज तुम मेरे देवर को अवश्य लेकर आना अन्यथा मैं तुम्हें परलोक में ही मिलूँगी यानि मैं मर जाऊँगी। बस इस कलह के कारण देर हो गयी। इसलिए मित्र आपको आज मेरे घर चलना ही पड़ेगा। वह घर आंगन को सजाकर तथा स्वयं भी सज्ज धज्ज कर उत्सुकता से आपकी प्रतीक्षा कर रही है। तब वानर बोला कि हम तो वनचर हैं। आपका घर समुद्र के बीच है, मैं कैसे वहाँ जा सकता हूँ। अच्छा यही होगा कि आप भाभी को यहाँ ले आयें। मगरमच्छ
बोला-'इस बात की आप चिन्ता न करें। आप मेरी पीठ पर बैठकर आराम से वहाँ ।" वानर सहमत हो गया और मकर की पीठ पर चढ़ कर उसके घर चल पड़ा। बीच में उसे डर लगने लगा। घबराकर वह मकर को धीरधीरे चलने के लिए कहने लगा। जब वे अगाध समुद्र में पहुँच गये तब मकर ने सोचा कि अब यह वानर वापिस तो जा नहीं सकता तो क्यों न इसे असली बात बताकर अपने मन का बोझ हल्का कर लिया जाये। यह सोचकर उसने अपनी पत्नी के मन की सारी बात वानर को बता दी। वानर बड़ा हाजिर जवाब था। उसने तुरन्त उत्तर दिया-“अरे मित्र! यह तो बहुत छोटी सी बात है। परन्तु आपने यह बात मुझे पहले क्यों नहीं बताई दी। क्योंकि मैं अपना हृदय सदैव जामुन के कोटर में छुपा कर रखता हूँ। अब क्या करें।'' मकर ने सोचा कि यह तो प्रसन्न होकर हृदय देने को तैयार है। इसलिए वह बोला चलो तो वापिस जाकर ले आते हैं। मकर पीछे मुड़कर जामुन के पेड़ की तरफ चल पड़ा। ज्योंहि मकर पेड़ के कुछ निकट पहुँचा तो वानर एक लम्बी छलांग लगाकर पेड़ पर चढ़ गया और सुख की साँस लेने लगा। तब मकर बोला-'मित्र! जल्दी से हृदय ले आओ ताकि आपकी भाभी उसे खाकर अपना अनशन व्रत तोड़ सके।" बन्दर बोला"मूर्ख! कभी किसी के दो हृदय भी होते हैं। क्या तुम नहीं समझे कि जीवित वही हो सकता है जिसमें हृदय हो।" इसलिए जाओ मैं तुम जैसे विश्वासघाती के दर्शन भी नहीं करना चाहता। पुन: कभी इस पेड़ के नीचे मत आना। मगरमच्छ ने पैंतरा बदलते हुए कहा कि मैंने तो हँसी मजाक में ही हृदय खाने वाली बात कही थी वस्तुतः मेरी पत्नी को आपके हृदय से कोई प्रयोजन नहीं है। वह तो आपका अतिथि सत्कार करना चाहती है। केवल आपके दर्शन पाना चाहती है। अतः कृपया आ जाइये। वानर ने उसे फटकार लगाते हुए वहाँ से चले जाने को कह दिया। 
शिक्षा-1. विश्वासघातियों पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए।

2. मनुष्य को मुसीबत में घबराना नहीं चाहिए अपितु बुद्धिमत्ता से कठिनाई से पार पाने का उपाय सोचना चाहिए। कहा भी है

समुत्पन्नेषु कार्येषु बुद्धिर्यस्य न हीयते।
स एवं दुर्गं तरति जलस्थो वानरो यथा।

 अर्थात् मुसीबत आने पर जिसकी बुद्धि विचलित नहीं होती है वह कठिनाइयों से ठीक उसी प्रकार पार पा लेता जिस प्रकार समुद्र में फंसे हुए वानर ने पाया।


Comments

  1. Riya thakur
    Sr. No. 22
    Major political science

    ReplyDelete
  2. Vishal bharti
    Sr No. 16
    Major .political science

    ReplyDelete
  3. Name- sejal kasav
    Major sub.- pol science
    Minor sub.- hindi
    Sr.no.- 01

    ReplyDelete
  4. Name - Riya
    Sr.no.49
    Major- political science
    Minor-history

    ReplyDelete
  5. Akriti choudhary
    Major history
    Sr no 11

    ReplyDelete
  6. Priyanka Devi
    Sr.no.23
    Major history

    ReplyDelete
  7. Taniya sharma
    Sr no. 21
    Pol. Science

    ReplyDelete
  8. Varsha Devi
    Major - Pol science
    Ser no.24

    ReplyDelete
  9. Name jyotika Kumari Major hindi Sr no=5

    ReplyDelete
  10. Name jyotika Kumari Major hindi Sr no=5

    ReplyDelete
  11. Name jyotika Kumari Sr no 5 major Hindi

    ReplyDelete
  12. Mehak
    Sr.no.34
    Major.political science

    ReplyDelete
  13. Poonam devi
    Sr no 23
    Major political science

    ReplyDelete
  14. Divya Kumari
    Sr.No 60
    Major pol science

    ReplyDelete
  15. Major hindi name Priyanka sr no 39

    ReplyDelete
  16. Name. MOnika
    Sr.No. 23
    Major. History

    ReplyDelete
  17. Name. MOnika
    Sr.No. 23
    Major. History

    ReplyDelete
  18. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  19. Mamta Bhardwaj
    Sr. No. 01
    Major. History

    ReplyDelete
  20. name akanksha sharma
    sr no 13
    major hindi

    ReplyDelete
  21. name akanksha sharma
    sr no 13
    major hindi

    ReplyDelete
  22. Name. Simran
    Sr. no . 03
    Major. History

    ReplyDelete
  23. Name Akshita Kumari Major Political Science Sr. No 70

    ReplyDelete
  24. Priyanka choudhary major political science and minor Hindi sr no 12

    ReplyDelete
  25. Name. Akshita Kumari
    Major. Political Science
    Sr.No. 70

    ReplyDelete
  26. Name Tanu Guleria
    Sr. No. 32 major political science

    ReplyDelete
  27. Tanvi Kumari
    Sr no. 69
    Major. Political science

    ReplyDelete
  28. Mehak
    Sr.no.34
    Major political science

    ReplyDelete
  29. Taniya sharma
    Pol. Science
    Sr ni. 21

    ReplyDelete
  30. Varsha Devi
    Major political science
    Sr no. 24

    ReplyDelete
  31. Shivani
    Sr no. 46
    Major Hindi
    Minor History

    ReplyDelete
  32. Bharti choudhary major political science and minor Hindi Sr no 30

    ReplyDelete
  33. VIVEk kumar Pol science sr no 38 dehri

    ReplyDelete
  34. Sejal Kasav
    Major sub.-pol science
    Minor sub.-hindi
    Sr.no.-01

    ReplyDelete
  35. Name Priya major history Roll number 029

    ReplyDelete
  36. Sonali dhiman major political science sr no. 19

    ReplyDelete
  37. Name jyotika Kumari Major hindi Sr no 5

    ReplyDelete
  38. Name -Riya
    Major -History
    Sr. No. -76

    ReplyDelete
  39. Name -Riya
    Major -History
    Sr. No. -76

    ReplyDelete
  40. Chetna choudhary Major pol science minor Hindi sr no 13

    ReplyDelete
  41. Neha Devi
    Major History
    Sr no 62

    ReplyDelete
  42. Name monikasharma
    Major-hindi
    Minor-history
    Roll no-2001HI004

    ReplyDelete
  43. Anjli
    Major political science
    Minor history
    Sr.no 73

    ReplyDelete
  44. Sourabh singh major Hindi minor history Sr no 20

    ReplyDelete
  45. Pallvi choudhary
    Major-pol.sc
    Minor-history
    Sr.no-72

    ReplyDelete
  46. Shweta sharma
    Sr no.36
    Major hindi
    Minor history

    ReplyDelete
  47. Shweta sharma
    Sr no.36
    Major hindi
    Minor history

    ReplyDelete
  48. Divya Kumari major political science sr.no 60

    ReplyDelete
  49. Name rahul kumar
    Major history.
    Sr no. 92

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

ईशावास्योपनिषद 18 मंत्र

महाकवि दण्डी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व जीवन-चरित-

भर्तृहरि की रचनाएँ