मधुसूदन ओझा

मधुसूदन ओझा (समीक्षा चक्रवर्ती)✡️ जन्म ,1845

 में, बिहार प्रान्त के गाढा ग्राम (जिला मुजफरपुर) में । पिता-

पे. बैद्यनाथ ओझा, उच्च क्षेणी के विद्वान । सन्तानहोन काका

के दत्तक पुत्र । जयपुर रुज्य-पण्डित काका के पास अध्ययन।

जयपुर नरेश तथा काका के देहान्त से अपने पिता के घर

वापिस लोटे। वाराणसी में आगे का अध्ययन किया 17

वर्ष की आयु में विवाह । अध्ययनोपरान्त अनेक संस्थानों में

परिभ्रमण के बाद जयपुर के महाराजा संस्कृत कालेज में वेदान्त

के प्राध्यापक, राजग्रन्थालय के प्रमुख तथा धर्मसभाध्यक्ष हुए।

जयपुर-नरेश के साथ सन् 1902 में इंग्लैंड का प्रवास हुआ।

वहां केम्ब्रिज वि.वि. में संस्कृत में वेद-विज्ञान तथा वेद-इतिहास

पर व्याख्यान । मैकडोनेल, बेंडाल आदि विद्वानों द्वारा महान्

सत्कार । सन् 1915 में 70 वर्ष की आयु में देहान्त । लगभग

50 वर्षों तक वैदिक विज्ञान तथा इतिहास का अन्वेषण कर

क्रमबद्ध सूत्र तैयार किया। अतः इन्हें आधुनिक ऋषि मानते

हैं। मधुसूदनजी ने प्रभूत मात्रा में लेखन कार्य किया। उनके

पुत्र प्रद्युम्नजी ओझा ने लगभग 50 ग्रन्थ प्रकाशित किये।

अभी भी अप्रकाशित हस्तलिखितों की सूची बडी है। इनकी

रचनाएं योजनाबद्ध थीं।


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