अथर्ववेद का सामान्य परिचय

 🏵️अथर्ववेद का सामान्य परिचय 🏵️

ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामदेव तथा अथर्ववेद इन चार वेदों में वैदिक संहिता में अथर्ववेद संहिता (मन्त्र संग्रह) अन्तिम रचना है। इस वेद के ज्ञान का प्रकाश सर्वप्रथम अथर्व नामक ऋषि के मन में हुआ; अतः इसका नाम अथर्ववेद पड़ा। इस वेद में धर्म-कर्म अध्यात्म आदि विद्याओं के अतिरिक्त अभिचार क्रियाओं मारण-मोहन उच्चाटन आदि तथा अनेकानेक औषधियों का वर्णन भी उपलब्ध होता है।

मातृभूमि के प्रति प्रेम जागृति करने के लिए इस वेद का "पृथिवी सूक्त' देशभक्तों में बहुचर्चित है तथा।                                  “सर्वाः आशा: मम मित्रं भवन्तु।" (19-15-6) अर्थात् सब दिशाओं के लोग मेरे मित्र हों, ऐसे विश्व बन्धुत्व परक वचन इस वेद को वैश्विक श्रेणी में खड़े कर देते हैं। अथर्ववेद के निम्न उपदेश भी ध्येय हैं

सत्यं चानृतं च न बिभीतो नरिष्यते। (2-15-5)                        सत्य एवं सरलता को न डर होता है और न ही कोई हानि।

 मधुमतीं वाचमुदेयम्। (16-2-2)                                         हमे मधुरभाषी बनना चाहिए। 

 प्रियं सर्वस्य पश्यत उत शूद्र उतार्ये। (19-62-1)                      छोटे बड़े सभी का भला करना चाहिए। 

राष्ट्राय वर्धय। (1-29-1)                                                    राष्ट्र हित के लिए उन्नति करो। 

मा भ्राता भ्रातरं द्विक्षत। (3-30-3)                                       भाई भाई से द्वेष न करे।

ब्रह्मचर्येण तपसा देवा मृत्युमपाहनत। (11-5-19)                 अर्थात् ब्रह्मचर्य एवं कठोर परिश्रम से देवताओं ने मृत्यु को भी परास्त कर दिया। 

इस प्रकार की अतीव उपयोगी शिक्षाओं से यह वेद सम्भृत है। इस वेद की विषय वस्तु 20 काण्डों 34 प्रपाठकों, 111 अनुवाकों तथा 731 सूक्तों में विभाजित है। इसमें 5987 मन्त्र प्राप्त होते हैं तथा 289 औषधियों का भी वर्णन है।

अथर्ववेद "ब्रह्मवेद" नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके ज्ञाता पुरोहित को "ब्रह्मा" कहते हैं। इसमें औषधियों का प्रचुर वर्णन होने से इसे "भैषज्यवेद" भी कहा जाता है। इसे “अथर्वाङ्गिरस' भी कहते हैं क्योंकि अथर्व ऋषि के एक उपाधि अंगिरस भी थी। कुछ विद्वान् इसे अथर्व और अङ्गिरस दो ऋषियों की रचना भी मानते हैं। इसकी 9 शाखाओं का वर्णन उपलब्ध होता है परन्तु वर्तमान काल में केवल दो शाखाएँ पिप्पलाद शाखा और शौनक शाखा ही उपलब्ध हैं। आयुर्वेद इसका उपवेद तथा मुण्डक एवं माण्डूक्य इस वेद पर आधारित उपनिषद है।


Comments

  1. Monika kalia
    Srno 23
    Major history

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  2. Name. Tanvi Kumari
    Sr. No. 69
    Major. Pol.science

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  3. Vivek Kumar Pol science sr no 38 dehri

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  4. Anjli
    Major-Political science
    Minor- history
    Sr.no- 73

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  5. Sejal kasav
    Major sub.- pol.science
    Minor sub.- hindi
    Sr.no.-01

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  6. Jagriti Sharma
    Serial no.2
    Major - Hindi

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  7. Priyanka Devi
    Sr.no.23
    Major history

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  8. Divya Kumari major political science sr.no 60

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  9. Name Akshita Kumari Major Political Science Sr.No.70

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  10. Mehak
    Sr.no.34
    Major.political science

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  11. Chetna choudhary Major pol science minor Hindi sr no 13

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  12. Shivam choudhary
    Sr.. No. - 78

    Major - political science

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  13. Name rahul kumar
    Major- history
    Sr no. 92

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  14. Shivani Devi
    Sr no 46
    Major Hindi
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  15. ektaekta982@gmail.com
    Varsha Devi Pol 24

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  16. Poonam devi sr no 23 major political science

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  17. Diksha Devi
    Major history
    St. No.50

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  18. Name Simran kour
    Sr no 36
    Major history

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