क्षपणककथा ☸️ ( मणिभद्र सेठ और नापित की कथा)

 ☸️क्षपणककथा ☸️

( मणिभद्र सेठ और नापित की कथा) भारत के दक्षिण में पाटलिपुत्र नामक एक नगर है। वहाँ मणिभद्र नाम का एक सेठ रहता था। धार्मिक कार्यों को करते करते उसका सारा धन समाप्त हो गया। धन-क्षय हो जाने से समाज में उसका आदर-सत्कार कम हो गया तथा जो लोग पहले उसका अत्यधिक आदर करते थे ; अब वे भी तिरस्कार करने लग पड़े। ऐसी दशा को प्राप्त होने पर एक समय रात्रि को जब वह सो रहा था, तो सोचने लगा कि दरिद्रता भी मानव के लिए एक अभिशाप ही है क्योंकि गरीब मनुष्य चाहे कितना भी सदाचारी, शान्त एवं मधुरभाषी तथा परोपकारी हो, कोई उसका मान-सम्मान नहीं करता है। साथ ही परिवार के भरण पोषण की चिन्ता से गरीब व्यक्ति की बुद्धि भी मलिन हो जाती है। गरीबी आने पर अपने सगे सम्बन्धी भी मुख मोड़ लेते हैं तथा अमीरी में कई प्रकार से रिश्ते-नाते जोड़ लेते हैं। गरीब व्यक्ति के द्वारा किये हुए अच्छे कार्य को भी लोग लज्जाकर ही कहते हैं तथा अमीरों के द्वारा किये गये व्यर्थ के कार्यों को भी अच्छा समझा जाता है। यथा

"लघुरयमाह न लोकः काम गर्जन्तमपि पतिं पयसाम्। सर्वमलज्जाकरमिह यत्कुर्वन्तीह

परिपूर्णाः॥" निर्धन की इस दुर्दशा के सम्बन्ध में विचार करके उसने सोचा कि इस दरिद्रता से तो मरना ही अच्छा है। अतः मैं भोजन त्याग कर प्राण त्याग दूंगा। ऐसा निश्चय करके वह सो गया। तत्पश्चात् उसे स्वप्न में एक जैन भिक्षु दिखाई दिया। वह भिक्षु बोला-अरे सेठ जी । दरिद्रता से घबरा कर वैरागी मत बनो। मैं तुम्हारे पूर्वजों द्वारा अर्जित पद्म नामक निधि (खजाना) हूँ। प्रातः काल में इसी रूप में तुम्हारे घर आऊंगा। उस समय तू एक डण्डे से मेरे सिर पर प्रहार करना, तब मैं स्वर्णमय होकर पृथ्वी पर गिर जाऊंगा। उस स्वर्ण से सुखपूर्वक अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण करना।

इसके पश्चात् सेठ जब प्रात:काल उठा तो स्वप्न का स्मरण करके सोचने लगा कि न जाने यह स्वप्न सत्य होगा या असत्य। फिर उसने सोचा कि मैं दरिद्र होने के कारण रात-दिन धन के विषय में ही सोचता रहता हूँ। सम्भवतः इसीलिए मुझे इस प्रकार का स्वप्न हुआ है और यह निश्चित रूप से असत्य ही होगा, क्योंकि रोगी, दु:खी, कामी एवं पागल पुरुषों के स्वप्न प्रायः असत्य ही होते हैं। कहा भी है कि

"व्याधितेन सशोकेन चिन्ताग्रस्तेन जन्तुना।

कामार्तेनाथ मत्तेन दृष्टः स्वप्नो निरर्थकः॥"

 तथापि उसने एक डण्डा तैयार करके रख लिया कि हो न हो कहीं स्वप्न सत्य ही हो जाये।

तत्पश्चात् उसके घर एक नाई आया जिसे सेठ की पत्नी ने पैर धुलवाने एवं नाखून आदि कटवाने के लिए बुलाया था। थोड़ी देर बाद वहाँ अचानक ही एक भिक्षु प्रकट हुआ। सेठ उसे देखकर अत्यन्त प्रसन्न हुआ और उसने समीप रखे हुए लकड़ी के डण्डे से उस भिक्षु के सिर पर ज़ोर का प्रहार किया। भिक्षु डण्डे के प्रहार से स्वर्णमय होकर भूमि पर गिर पड़ा। सेठ ने उसे छुपा कर घर के भीतर रख लिया। नाई यह सारा वृत्तान्त देख रहा था। सेठ ने उसे धन एवं वस्त्रादि देकर कहा कि इस घटना को किसी से भी मत कहना। इस प्रकार उसे प्रसन्न करके भेज दिया। परन्तु उत्सुकतावश नाई अपने घर जाकर सोचने लगा कि इस घटना से प्रतीत होता है कि ये जैन भिक्षु सिर पर प्रहार करने से स्वर्ण में परिवर्तित हो जाते हैं। इसलिए प्रात:काल मैं भी अनेक भिक्षुओं को अपने घर बुलाकर इसी प्रकार पीटूंगा, जिससे मेरे पास भी अत्यधिक सोना हो जाएगा। इस प्रकार सोचते-सोचते नाई ने बड़ी कठिनाई एवं उत्सुकता से रात्रि बिताई।

प्रातःकाल उठकर उसने सर्वप्रथम एक बहुत बड़ा एवं मज़बूत डण्डा तैयार किया। तत्पश्चात् वह भिक्षुओं के निवास स्थान पर गया। वहाँ अपने आपको अत्यन्त भक्ति-युक्ते प्रदर्शित करते हुए सर्वप्रथम उसने मठ में स्थापित महावीर स्वामी की प्रतिमा की तीन बार परिक्रमा की। पुन: घुटनों के बल भूमि पर बैठकर, मुँह को वस्त्र से ढांप कर संयमी जैन महात्माओं की अनेक प्रकार से स्तुति की। जैसे

"सा जिह्वा या जिनं स्तौति तच्चित्तं यज्जिने रतम्।

तावेव च करौ श्लाघ्यौ यौ तत्पूजाकरौ॥" तत्पश्चात् विहार के प्रधान क्षपणक के पास जाकर पृथ्वी पर घुटने टेक कर उसे प्रणाम किया और बोला-"महाराज, आज का भोजन आप समस्त भिक्षुओं सहित मेरे घर पर ग्रहण कीजिए।" प्रधान क्षपणक ने कहा कि तुम धर्मज्ञ होते

भी हमें निमन्त्रण कैसे दे रहे हो ? हम उन ब्राह्मणों की तरह नहीं है जो किसी के बुलाने पर उनके घर भोजन करने चले जाते हैं, अपितु भ्रमण करते-करते भोजन का समय हो जाने पर हमें जो भी श्रद्धा एवं भक्ति-युक्त भक्त मिल जाता है, हम उसी के घर केवल प्राणधारण हेतु थोड़ा-सा भोजन कर लेते हैं। इसलिए जाओ, पुनः ऐसा मत कहना।

यह सुनकर नाई बोला-"भगवन् ! मैं आपके धर्म एवं नियमों को भली-भाँति जानता हूँ तथापि मैं इसलिए आपको निमन्त्रण दे रहा था कि आपको बहुत-से भक्त बुलाते रहते हैं, न जाने मेरे घर में आप कब पधारेंगे। उस समय मुझमें आपको भोजन करवाने का सामर्थ्य न जाने होगा या नहीं जबकि आज मैंने पुस्तकों को लपेटने योग्य रेशमी वस्त्रों तथा भोजन की व्यवस्था की हुई है। इसके अतिरिक्त पुस्तकें लिखवाने हेतु लेखकों को देने योग्य धन का भी मैंने सञ्चय किया है। इसलिए भगवन् ! कृपा करके आप मेरे घर पधारियेगा।" ऐसा कह कर नाई अपने घर चला गया। वहाँ जाकर खैर के डण्डे को और अच्छी प्रकार तैयार करके दरवाज़े के पीछे रख दिया और डेढ़ पहर दिन शेष रहने पर पुनः विहार में पहुँच गया। वहाँ जाकर अनेक प्रकार से अनुनय विनय करने लगा। वे भिक्षु भी वस्त्र एवं धन के लोभ से अन्य अनेक भक्ति-युक्त श्रद्धालुओं को छोड़कर नाई के घर आ गये। नाई ने उन्हें घर में प्रवेश करवाकर दरवाज़े को अच्छी तरह बन्द कर लिया और डण्डे से उनके सिर पर अन्धा-धुन्ध प्रहार करने लग पड़ा। पीटे जाने से कुछ तो वहीं प्राण त्याग गये, कुछ सिर फट जाने के कारण चिल्लाने लगे। भिक्षुओं का यह कोलाहल दैवयोग से समीपस्थ थाने के थानेदार के कान में पड़ गया। उसने सिपाही भेजकर इसका पता लगाने का आदेश दिया। सिपाही जब दौड़े-दौड़े वहाँ पहुँचते हैं तो देखते हैं कि खून से लथ-पथ एवं चिल्लाते हुए भिक्षु भाग रहे हैं। सिपाहियों ने पूछा-"अरे, क्या बात है ?" तब उन भिक्षुओं ने सारी घटना सिपाहियों को सुना दी। सिपाहियों ने नाई को गिरफ्तार कर लिया और मरने से बचे हए भिक्षुओं सहित उसे न्यायालय ले गये। वहाँ न्यायाधीशों ने नाई से पूछा कि यह कुकर्म तूने क्यों किया ? नाई ने कहा कि मैंने सेठ मणिभद्र के घर पर इसी प्रकार का एक विचित्र घटनाक्रम देखा था। यह कहकर उसने मणिभद्र के घर पर घटित सारा वृत्तान्त सुना डाला। तब न्यायाधीशों ने सेठ मणिभद्र को बुलाकर पूछा कि क् तूने किसी भिक्षु को मारा है। तब उसने भी स्वप्न आदि से सम्बन्धित सारी घटना सुना दी। तब न्यायाधीशों ने आदेश दिया कि विना सोचे-समझे कार्य करने वाले इस नाई को शूली पर चढ़ा दो। इस प्रकार नाई को विना विचारे काम करने के अपराध में फांसी दे दी गयी। शिक्षा-हमें प्रत्येक काम को अच्छी प्रकार सोच-विचार करने के पश्चात् ही करना चाहिए। कहा भी है कि

"कुदृष्टं कुपरिज्ञातं कुश्रुतं कुपरीक्षितम्। तन्नरेण न कर्त्तव्यं नापितेनात्र यत्कृतम्॥"


Comments

  1. Name Riya Devi
    Mejar pol science
    Sr.n._ 37

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  2. Name Akshita Kumari Major Political Science Sr. No.70

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  3. Name . Vishal bharti
    Sr no . 16
    Major. Political science

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  4. Name-Riya
    Major - History
    Sr.no.76

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  5. Sejal kasav
    Major- pol science
    Sr.no.- 01

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  6. Mehak
    Sr. No.34
    Major.political science
    Minor.hindi

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  7. NAME ARTI SHARMA SR NO32 MAJOR HINDI

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  8. Divya Kumari
    Dr.No 60
    Major pol science.

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  9. Name Shivani
    Class BA 1st year
    Major Hindi
    Minor history
    Sr no.- 46

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  10. Priyanka Devi
    Sr.no.23
    Major history

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  13. Sonali
    Major -political science
    Sr no. -19

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  16. Tanvi Kumari
    Major. Pol. Science
    Sr. No. 69

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  18. Akriti choudhary
    Major history
    Sr.11

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  19. Name -riya
    Sr.no.49
    Major - political science
    Minor - history

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  20. Name Isha
    Major History
    Sr . No 10

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  21. Pallvi choudhary
    Major- pol. Sc
    Serial nm. -72

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  22. Jyotika Kumari Major =Hindi Sr. No. =5

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  23. name akanksha sharma
    sr no.13
    Major hindi

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  24. Name-Sujata Sharma
    Sr.no.- 8
    Major- History

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  25. Name - Sakshi
    Sr.no.- 45
    Major- political science
    Minor -history

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  26. Name isha devi
    Sr. No 28
    Major history

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  27. Mamta Bhardwaj
    Sr no. 01
    Major history

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  28. Jagriti Sharma
    Serial no 2
    Major - Hindi

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  29. Name -Riya
    Major -History
    Sr. No. -76

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  30. Name -Riya
    Major -History
    Sr. No. -76

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  31. Name -Riya
    Major -History
    Sr. No. -76

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  32. Name monikasharma
    Sr no.26 major hindi

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  33. Name Richa Sr.no 35
    Major hindi

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  34. Jagriti Sharma
    Serial no. 2
    Major-Hindi

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  35. Priyanka choudhary major political science and minor Hindi sr no 12

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  36. Sejal Kasav
    Major sub.-pol science
    Minor sub.-hindi
    Sr.no.-01

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  37. Taniya sharma
    Pol. Science
    Sr no. 21

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  38. Shivani Devi
    Sr No. 46
    Major Hindi
    Minor History

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  39. Monika kalia
    Srno26
    Major history

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  40. Anjali
    Major political science
    Minor history
    sr.no 73

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  41. Tanvi Kumari
    Sr. No. 69
    Major. Political science

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  42. Sonali dhiman major political science sr no. 19

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  43. Akshita kumari major political science sr no 70

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  44. Name Sakshi
    Sr no 14
    Major Hindi
    Minor history

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  45. Shivam choudhary
    Sr. No. 78
    Major political science

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  46. MAmta Devi major history sr no77

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  47. MAmta Devi major history sr no77

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  48. Pallvi choudhary
    Major-pol.sc
    Minor-history
    Sr.no-72

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  49. Riya thakur
    Sr. No. 22
    Major political science

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  50. Name Tanu guleria
    Sr. No.32
    Major political science

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  51. Name Rahul kumar
    Major history
    Sr no. 92

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  52. Poonam devi
    Sr no 23
    Major political science

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  53. Mehak
    Sr.no.34
    Major political science

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  54. Rishav sharma major pol science sr no 65

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