धनुरासन
🏵️धनुरासन🏵️
✡️ स्थिति - सिर के आगे हाथ फैलाकर औंधे लेटो।
- (१) पांव पु्ठे पर लाकर हाथों से पकड़ो।
- (२)पांव न छोड़ते हुये पीछे तानो । पूर्णस्थिति
- । (३) पांव पुढे पर रखो। वजन नाभि पर ही रहे।
- (४) पूर्वस्थिति ।
🏵️ समय-२ मिनिट । स्त्रियों के लिए यह आसन विशेष लाभदायक है।
✡️लाभ - रीढ़ की हड्डियां, स्नायु, कमर, हाथ पांव, सीना,
पेट, अमाशय, आंतें। इनकी बीमारियां दूर होती हैं। प्रदर में
लाभ होता है। पचन शक्ति बढ़ती है चर्बी कम होती है।
नाभि ठिकाने पर आती है।
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✡️. धनुर आसन✡️
♎लाभ,,,पेट, छाती, गले, टांगों और भुजाओं का अत्युत्तम व्यायाम है । पेट के रोगों को दूर करता है । खॉँसी और दमा के रोगियों को लाभदायक है । बढ़े हुए पेट को ठीक करता है । कद लम्बा होता है ।
✡️विधि,,,मूत्रेन्द्रिय पर दबाव न पड़े । शरीर को अधिक से
अधिक खींचे । पैर एक सीध में रहें ।
✡️. DHANUR -ASANA✡️
🕉️Benefits -Cures stomach, spine & chest disorders.Specially exercises neck, ribs & lungs. Very effective against obesity.
🕉️Technique - Raise the chest fully and throw back the neck as far as possible. Let the entire body rest on the abdomen only.
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