गरुड़ासन
✡️गरुड़ासन- स्थिति -घुटने कुछ झुकाकर खड़े रहो
(1) दाहिना पाव उठाकर बांये पाव को आगे से लपेटकर बाये
पांव पर अंगूठा रखो।
(२) दाहिना हाथ बाये हाथ को लपेटकर हाथ सीने पर जोड़ो। पूर्णस्थिति ।
(३) हात छोडो।
(४) पूर्वस्थिति । इसी प्रकार दूसरी बाजू करो।
यह आसन कुर्सी पर बैठकर या सोकर भी कर सकते हैं। पांव लपेटने से पहिले अंड को उपर उठाना चाहिये। सर्वांगासन में भी ऐसे पांव लपेटने से ज्यादा फायदा होता है।
✡️ लाभ 👉अण्डवृद्धि, अंत्रवृद्धि को फायदा होता हैं। पैरों में शक्ति आती हैं। घुटने अच्छे होते हैं।
✡️ समय - २ मिनिट ।
🕉️. गरुड़ आसन
टांगों, भुजाओं, पसलियों के विकारों को दूर करता है।
अण्डकोषों के रोग नष्ट होते हैं । शरीर में लचक पैदा
होती है।
🕉️विधि--टांगों और हाथों को बदल -बदल कर बारी-बारी
करें। 2- 3 मिनट तक आसन की स्थिति में खड़े होने का यत्न करें ।
✡️ GARUD- ASANA
✡️Benefits -Removes deformities of legs and of genital organs. Imparts elasticity and balance.
✡️Technique - Repeat the pose by changing the position of arms & legs. Try to balance the body for 2 to3 minutes at a time.


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