युधिष्ठिर मीमांसक
युधिष्ठिर मीमांसक -आधुनिक युग के प्रसिद्ध वैयाकरण ।
राजस्थान के अंतर्गत जिला अजमेर के विरकच्यावास नामक
ग्राम में दि. 22 सितंबर 1909 ई. को जन्म । इन्होंने व्याकरण,
निरुक्त, न्याय एवं मीमांसा का विधिवत् अध्ययन व अध्यापन
किया है और संस्कृत के अतिरिक्त हिंदी में भी अनेक ग्रंथ
लिखे हैं। संस्कृत में अभी तक 14 शोधपूर्ण निबंध, विविध
पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। इन्होंने संस्कृत के 10
ग्रंथों का संपादन किया है। 'वेद-वाणी' नामक मासिक पत्रिका
के संपादक। भारतीय प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान (अजमेर) के
संचालक। 'संस्कृत व्याकरण शास्त्र का इतिहास' तीन खंडों
में लिखा। इस ग्रंथ की अपूर्वता के कारण अनेक संस्करण
प्रकाशित हुए। इस के अतिरिक्त काशकृत्स्त्र-धातु- व्याख्यान का
संस्कृत अनुवाद, देवम् पुरुषकारोपेतम् (धातुपाठविषयक) और
निरुक्तसमुच्चय (वररुचि-कृत) इन ग्रंथों का संपादन युधिष्ठिर
मीमांसक जी ने किया है।
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