मुरारि
मुरारि - "अनर्धराघव" नाटक के रचयिता बंगाल निवासी ।
इस नाटक की प्रस्तावना से ज्ञात होता है कि उनके पिता
का नाम वर्धमान भट्ट व माता का नाम तंतुमती था। वे
मौद्गल्य गोत्रीय ब्राह्मण थे सूत्ति-ग्रंथों में इनकी प्रशंसा के
ोक श्लोक प्राप्त होते हैं। सूत्ति-ग्रंथों से स्पष्ट होता है कि
मुरारि, माष और भवभूति के परवर्ती थे। ये भवभूति की
काव्य-शैली से प्रभावित हैं। अतः उनका समय 700 ई. के
पश्चात् है। रत्नाकर ने अपने "हरविजय" महाकाव्य के एक
श्लोक में मुरारि की चर्चा की है। अतः वे रत्नाकर (850
ई.) के पूर्ववर्ती हैं। मंख-रचित "श्रीकंठचरित" (1135 ई.)
में मुरारि, राजशेखर के पूर्ववर्ती सिद्ध किये गये हैं। इन
प्रमाणों के आधार पर मुरारि का समय 800 ई. के आस-पास
निश्चित होता है।
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