ईश्वरकृष्ण,, सांख्यकारिका
ईश्वरकृष्ण- सांख्य-दर्शन के एक आचार्य और 'सांख्यकारिका नामक सुप्रसिद्ध ग्रंथ के रचयिता । शंकराचार्यजी ने अपने शारीरकभाष्य' में 'सांख्यकारिका' के उद्धरण प्रस्तुत किये हैं।अतः इनका शंकर से पूर्ववर्ती होना निश्चित है। विद्वानों ने
इनका आविर्भाव-काल चतुर्थ शतक माना है, किंतु ये इससेभी अधिक प्राचीन हैं। 'अनुयोगद्वार-सूत्र' नामक जैन-ग्रंथ में 'कणगसत्तरी' नाम आया है जिसे विद्वानों ने 'सांख्यकारिका' के चीनी नाम 'सुवर्णसप्तति' से अभिन्न मान कर, इनका समय प्रथम शताब्दी के आस-पास निश्चित किया है। 'अनुयोगद्वार सूत्र का समय 100 ई. है। अतः ईश्वरकृष्ण का उससे पूर्ववर्ती होना निश्चित है।
सांख्यकारिका' पर अनेक टीकाओं व व्याख्या-ग्रंथों की
रचना हुई है। इनमें से वाचस्पति मिश्रकृत 'सांख्यत्त्व-कौमुदी' सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण टीका है। काशी के हरेराम शास्त्री शुक्ल ने इस कौमुदी पर सुषमा नामक टीका लिखी है। डॉ. आद्याप्रसाद मिश्र के हिंदी अनुवाद के साथ सांख्यत्त्वकौमुदी प्रकाशित हो चुकी है।
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