महाभारत से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
1-महाभारत को विश्वकोष कहा जाता हैं।
2-महाभारत विश्व का सबसे बड़ा ग्रन्थ हैं।
3- महाभारत में 1 लाख श्लोक है, इस कारण महाभारत को
शतसाहस्त्रीसंहिता कहा जाता हैं।
4-महाभारत काव्य की विधा --यह महाकाव्य की विधा हैं।
5-महाभारत का अंगीरस शान्त रस हैं।
6-महाभारत के रचयिता कृष्णद्वैपायन वेदव्यास जी है ।
7-वर्तमान मे महाभारत में कुल 1923 अध्याय व 96244 श्लोक हैं।
8-महाभारत की रचना में 3 वर्षों का समय लगा
9- महाभारत को वीर काव्य भी कहा जाता हैं।
10-यन्न भारते तन्न भारते यह महाभारत में है ।
11- महाभारत 18 पर्वो में विभक्त हैं।
12-महाभारत को पंचम वेद भी कहा जाता हैं ।
13-पंचम वेद- हिन्दु धर्म के समस्त स्वरुप का निरुपण है इसीलिये इसे पंचम भी कहा जाता है।
14-रामायण व महाभारत को वीर काव्य भी कहा जाता हैं।
धर्मे चार्थे च कामे च मोक्षे च भरतर्षभ ।यदिहास्तिततदन्यत्रयन्नेहास्ति न तत् क्वचित्।।
15-महाभारत क्रमशः-
🔯जयसंहिता महाभारत का प्राचीन नाम है।
8800 श्लोक ,व्यास -वैशम्पायन।
🔯भारत- 24000-
वैश्म्पायन- जनमेजय।
भारत में 24000 श्लोक हैं इसमें उपाख्यान नही हैं।
🔯 महाभारत, 1 लाख श्लोक
सौति ऋषि- शौनकादिऋषियों को।
18 पर्वों का विभाजन सौति ऋषि ने किया हैं।
श्री कृष्ण की कथाओं का वर्णन करने वाले पर्व खिल/हरिवंश पर्व हैं।
16-महाभारत के पर्वो का क्रमशः वर्णन-
🔯1- आदिपर्व-शकुन्तलोपाख्यान,पाण्डव-कौरव - जन्म एवं विवाह का वर्णन ।
🔯2-सभापर्व- पाण्डवों की दिग्विजय जरासन्ध,शिशुपालवध, युधिष्ठिर जुएं में हार।
🔯3-वनपर्व- पाण्डवों को 12 वर्ष वनवास, सत्यवान सावित्री कथा,जयद्रथ-द्रौपदीहरण, इन्द्र-कर्ण कवच कुण्डल का वर्णन।
🔯4-विराट पर्व- पाण्डवों के एकवर्षीय अज्ञातवास का वर्णन।
🔯5-उद्योग पर्व- महाभारत युद्ध काआगाज,
🔯6-भीष्म पर्व- 10दिन भीष्म ने युद्ध लड़ा,भगवद् गीता ,शरशय्या।
🔯7-द्रोण पर्व-5 दिन युद्ध लडा अभिमन्यु ,जयद्रथ, घटोत्कच ,द्रोणाचार्य,अश्वत्त्थामा, नारायणास्त्र प्रयोग।
🔯8-कर्णपर्व-2 दिन कर्ण युद्ध लड़ा, शल्य - कर्ण वाक्युद्ध शल्य कर्णसारथि |कर्ण के सारथी का नाम शल्य था।
🔯9-शल्यपर्व-शल्य सेनापति 1 दिन महाभारत का अन्तिम 18 वाँ दिन पाण्डव दिग्विजय ।
🔯10-सौप्तिक पर्व- कृपाचार्य कृतवर्मा ,अश्वत्थामा, पाण्डवों की सोयी सेना परआक्रमण,द्रौपदी पुत्रों की मृत्यु ।
🔯11-स्त्रीपर्व- कुन्ती युधिष्ठिर को कर्ण वृत्तान्त सुनाना युधिष्ठिर स्त्रीयों को शाप का वर्णन।
🔯12- शान्ति पर्व- महाभारतका प्राण राजधर्म ,वर्ण, आश्रम,आपद्धर्मवर्णन,मोक्ष प्रतिपादन, पराशरगीता, हंसगीता वर्णन।
🔯13-अनुशासन पर्व-भीष्म का युधिष्ठिर उपदेश शिव व विष्णुसहस्रवर्णन ।
🔯14-अश्वमेधिक - युधिष्ठिर अश्वमेघ यज्ञ, अनुगीता वर्णन ।
🔯15-आश्रमवासिन- धृतराष्ट्र ,गान्धारी, कुन्ती विदुर, वानप्रस्थ प्रवेश |
🔯16-मौसलपर्व- गान्धारी का यदुवंश नाश का शाप सत्य, मुसल के द्वारा कृष्ण जानवरों द्वारा मारे जाते हैं ।
🔯17- महाप्रस्थानिक-पाण्डव हिमालय यात्रा, युधिष्ठिर के अतिरिक्त सभी देहान्त, सशरीर, युधिष्ठिर स्वर्ग गमन।
🔯18- स्वर्गारोहण-महाभारत का अन्त, स्वर्ग में कृष्ण से मिलन।
महाभारत की सूक्तियाँ
🕉️१-माता गुरुतरा भूमेः ।
🕉️2-भार्या श्रेष्ठतमः सखा।
🕉️3-पुत्रेण दुहिता समा ।
🕉️4-सर्वधर्मा राजधर्मप्रधानाः।
🕉️5-अहिंसा परमो धर्मः।
🕉️6-नास्ति मातृसमो गुरु।
🕉️7-महाजनो येन गतः स पन्थाः।
🕉️8-यतो धर्मस्ततो जयः।
🕉️9-प्रकाशलक्षणाः देवा मनुष्याः कर्मलक्षणाः।
🕉️10-आत्मनः प्रतिकूलानि परेषां न समाचरेत्।
🕉️।11-धर्मे मातिर्भवतु वः ।
🕉️12-धारणाद् धर्ममित्याहु धर्मों धारयते प्रजाः ।
🕉️।13-सर्वः सर्व न जानाति, सर्वज्ञो नास्ति कश्चन|
Comments
Post a Comment