भट्टोत्पल
भट्टोत्पल - ई. 10 वीं शती का उत्तरार्ध। काश्मीर निवासी,
शैव। ज्योतिषशास्त्र के महान् आचार्य। इन्होंने वराहमिहिर के
यात्रा, बृहज्जातक, लघुजातक तथा बृहत्संहिता नामक प्रथों पर
टीकाग्रंथ लिखे हैं। इन्होंने ब्रह्मगुप्त के खंडखाद्यक तथा
षट्पचाशिका पर भी टीकाएं लिखी हैं। कल्याणवर्मा के अपूर्ण
रहे सारावलि ग्रंथ को इन्होंने पूर्ण किया। इन्होंने प्रश्नज्ञान अर्थात्
आर्यासप्तती नामक प्रश्रग्रंथ की भी रचना की।
अल्बेरूनी, इनके द्वारा रचित कुछ अन्य ग्रंथों का भी
उल्लेख करते हैं परंतु वे अभी तक उपलब्ध नहीं हुए हैं।
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