वास्तु स्वरूप
वास्तुसौख्यम्
गोविन्दपादकमलद्वययोजितमानसः
गृहसौख्यं तनोत्येष श्रीटोडरमहीपतिः॥3॥
(तत्र ग्रन्थाज्ञादातृं महाराजाधिराजश्रीटोडरमलस्य स्मरणम् । इति ]भगवान् श्रीगोविन्द के दोनों चरण कमल में अपने मानस को संयोजित करते हुए महीपति श्रीटोडर[मल्ल ] के गृहसौख्य की रचना की जाती हैं।
वसिष्ठगर्गब्रह्मोक्तं विश्वकर्मादिनिर्मितम्।
वराहलल्लव्याख्यातं शास्त्रतत्त्वं विमृश्य च॥4 ॥
निरूपयामो विदुषां सन्तुष्टयै वास्तुनिर्णयम् ।
यथामतिं धनारोग्यसौख्यकीर्तिविवृद्धये ॥5।।
जिस शास्त्र को मुनि वसिष्ठ, आचार्य गर्ग और पितामह ब्रह्मा ने कहा है, जिसको विश्वकर्मा ने निर्मित किया है और जैसा कि आचार्य वराहमिहिर और लल्लाचार्य
द्वारा विवेचित किया गया है, ऐसे शास्त्रतत्त्व पर उचित विमर्श करते हुए विद्वानों की सन्तुष्टि के लिए वास्तु विषयक निर्णय का अपनी बुद्धि के अनुसार निरूपण किया जाता है। यह ज्ञान धन, आरोग्य, सुख और की अभिवृद्धि करने वाला है।
तत्र वसिष्ठः प्रस्तुतं प्रकरणं प्रयोजनमाह
वास्तुज्ञानं प्रवक्ष्यामि यदुतक्तं ब्रह्मणा पुरा।
ग्रामसद्यपुरादीनां निर्माणं सूक्ष्मतोऽधुना ॥6 ॥
जैसा कि मुनि वसिष्ठ ने कहा है- मैं उस वास्तुज्ञान के विषय में कहता हूँ जिसको पूर्वकाल में ब्रह्माजी ने कहा है। इसके अन्तर्गत अब ग्राम, भवन, नगर-पुर आदि के निर्माण-नियोजन के विषय में सूक्ष्मता से कहा जाता है।
गृहनिर्माणप्रयोजनमभिहितं भविष्यपुराणे,,
गृहस्थस्य क्रियाः सर्वा न सिद्ध्यन्ति गृहं विना।
यतस्तस्माद् गृहारम्भप्रवेशसमयौ ब्रुवे॥7 ॥
इसका प्रयोजन भविष्य पुराण में कहा गया है- जो गृहस्थ होता है, उसके सभी प्रकार के कार्य अपने गृह के बिना सफल नहीं होते। अत: गृहारम्भ एवं प्रवेश के समय के विषय में कहा जाता है।
न सिद्ध्यन्ति स्वल्पफला विफला वा भवन्तीत्यर्थः । गृहं स्वसत्ताकं तदुक्तम्
तत्रैव -
परगेहे कृताः सर्वाः श्रौत्रस्मार्तक्रियाः शुभाः।
विफलाः स्युर्यतस्तासां भूमीशः फलमश्रुते ॥8 ॥
जैसा कि उक्त उक्ति से यह स्पष्ट होता है कि अपने गृह के अभाव में कार्य बहुत कम फलदायी होते हैं अथवा विफल हो जाते हैं। अत: घर स्वामी का अपना निजी हो। इस अर्थ में वहीं पर यह भी कहा गया है कि पराये घर में सम्पादित सभी मांगलिक श्रौत एवं स्मार्त क्रियाएँ विफल हो जाती हैं अथवा वे जहाँ पर की जाती हैं उनका फल उस भूमि के स्वामी को ही मिलता है। इस सम्बन्ध में विशेष जानकारियाँ स्मृतियों में खोजी जा सकती हैं।
Comments
Post a Comment