बद्धपद्मासन
☸️बद्धपद्मासन☸️
🕉️स्थिति,,,(१) दाहिना पैर बाई जांघपर पेट के नजदिक रखो।
(२) बाया पैर दाहिने जांघ पर वैसा ही रखो।
(३) दाहिना हाथ पीछे से लेकर दाहिने पांव का अंगूठा पकड़ो।
(४) बांये हाथ से वैसा हि बाया अगूंठा पकड़ो। पूर्णस्थिति । (दृष्टि क्रमशः पैर के पास जमीन पर मूत्रेत्रिदय, नाभी, हृदय, कंठ, नासिकाम्र तथा दोनों भौओं के बीच में रखो। ऐसा कुछ दिन तक अभ्यास करने से तकलीफ नहीं होती ।)
(५) पैर के अंगूठे छोड़ो।
(६) हाथ पूर्वस्थान पर रखो।
(७) बायां पैर फैलाओ। पूर्वस्थिति ।
☸️समय ,,२ से १५ मिनिट तक।
🕉️लाभ,,पद्मासन आदि ध्यान लायक आसनों में बैठकर इसी प्रकार दृष्टि स्थिर करके, ईश्वर स्मरण और चिन्तन करने से आपत्तियां टूर होती है। कमर, हाथ, पैर, सीना, पीठ, रीढ़, के स्नायु और मांसपेशियों को लाभ पहुंचता है।स्मरणशक्ति विचारशक्ति और सद्भावना बढ़ती हैं।
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🕉️ बद्ध पद्म आसन🕉️
✡️लाभ -पेट का बढ़ना, मंदाग्नि, खट्टे डकार आदि आने, फैफड़ों के रोग, दमा आदि में बहुत लाभप्रद है । छाती के विकार दूर होते हैं। झुक कर चलने का दोष दूर होता है ।
✡️विधि,,दोनों घुटने भूमि पर लगे रहें । ठोदी गर्दन के साथ लगाये । दृष्टि नासिकाग्र पर रखे ।
🏵️ BADDHA PADM ASANA🏵️
☸️Benefits -Useful for lungs. Check abdominal growth. Improves digestion. Helps in maintaining erect posture of the body. Keeps legs flexible.
☸️Technique - Knees should touch the ground. Press the chin against the throat, Look at the tip of the nose.

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