महावीरचरित

 🌼 महावीरचरित🌼

-महावीरचरित रामायण पर आधारित नाटक है। महावीर से अभिप्रायः इसके नायक श्री रामचन्द्र जी से है। इसमें रामचन्द्र जी के राज्याभिषेक तक की घटनाओं का वर्णन है। यह सात अङ्कों का नाटक है। कवि ने रामायण की मूल कथा के विपरीत कई नवीन कल्पनाएँ इसमें की हैं। नाटक के आरम्भ में ही रावण को सीता से विवाह करने का इच्छुक दर्शाया गया है। जिससे नाटक संघर्षपूर्ण घटनाओं की ओर अग्रसरित होता है। सीता स्वयंवर में रामचन्द्र जी धनुष तोड़कर सीता से विवाह कर लेते हैं। इससे रावण के मन में अत्यन्त क्रोध उत्पन्न होता है। तभी रावण का मन्त्री कूटनीतिक चाल से परशुराम को राम के विरुद्ध उत्तेजित कर देता है, जब यह युक्ति सफल नहीं होती है तब शूर्पणखा को मन्थरा के वेश भेजकर राम को वनवास दिलवाने का षड्यन्त्र रचता है। वन में निवास के समय माल्यवान् ही अपनी कूटनीति से सीता का हरण करवाता है और बाली को भी राम के विरुद्ध भड़काता है। उत्तेजित्त होकर बाली राम से युद्ध करने आता है और मारा जाता है। अन्त में राम सुग्रीव के सहयोग से लङ्का पर चढाई करते हैं और रावणवध करके पुष्पक विमान से अयोध्या लौट आते हैं। वहाँ सहर्ष राज्याभिषेक किया जाता है।

Comments

Popular posts from this blog

ईशावास्योपनिषद 18 मंत्र

महाकवि दण्डी का व्यक्तित्व एवं कृतित्व जीवन-चरित-

भर्तृहरि की रचनाएँ