नीतिशतक बिषयक महत्वपूर्ण प्रश्न

 प्रश्न 1. मूर्खों के विषय में भर्तृहरि जी ने क्या कहा है ?

उत्तर-भर्तृहरि जी का मानना है कि मूर्ख हठी तथा अहंकारी होते हैं। वे थोड़ा सा ज्ञान पाकर स्वयं को विद्वान् समझने लगते हैं। ऐसे लोगों को समझा पाना स्वयं सृष्टि के निर्माता के वश की भी बात नहीं है।भर्तृहरि जी का तो यहाँ तक कहना है कि मगरमच्छ के दान्तों से मणि निकाली जा सकती है, अनन्त समुद्र को तैरकर भी कोई पार कर सकता है, कुपित सांप को भी कोई वश में कर सकता है; पर दुराग्रही मूर्ख को समझा पाना कठिन है।उनका यह भी कहना है कि रेत से तेल शायद निकल भी आये, मृगतृष्णा में शायद जल प्राप्त भी हो जाये तथा प्रयत्नपूर्वक ढूंढने पर शायद खरगोश का सींग उपलब्ध हो जाये पर मूर्ख कभी समझ जाये यह सम्भव नहीं है।भर्तृहरि जी का मानना है कि दुनिया में हर समस्या का समाधान है जैसे आग को जल से शान्त कर सकते हैं, धूप को छत्र से कम किया जा सकता है, हाथी को तीखे अंकुश से वश में कर सकते हैं, डण्डे से गाय आदि पशुओं को वश में किया जा सकता है, रोगी को औषधि से ठीक कर सकते हैं, मन्त्रों तथा औषधियों से विष का प्रभाव दूर किया जा सकता है परन्तु मूर्ख को समझाने का कोई उपाय नहीं है।

प्रश्न 2. भर्तृहरि जी ने किन मनुष्यों को पशुतुल्य माना है।

उत्तर-नीतिकार भर्तृहरि जी का मानना है कि जो लोग साहित्य-संगीत आदि ललितकलाओं से विहीन हैं वे साक्षात्पशुतुल्य ही होते हैं अथवा जिनके पास न विद्या है, न वे परिश्रमी (तपस्वी) हैं, न दान देने में जिनकी रुचि है.जो सदाचारी नहीं है जो धर्म-अधर्म का भेद नहीं जानते समझ लो कि वे साक्षात्पशु ही हैं ऐसे लोगों के साथ स्वर्ग में रहना भी कठित कार्य है।

प्रश्न 3. विद्या की प्रशंसा में भर्तृहरि जी ने क्या कहा है ?

उत्तर-भ्तृहरि जी विद्या को सर्वश्रेष्ठ धन समझते थे। उनके अनुसार इस धन को कोई चुरा नहीं सकता, दान देने से यह घटता नहीं है। यह ऐसा गुप्त धन है जो समय के प्रभाव से नष्ट नहीं होता है। उन्होंने राजाओं को भी परामर्श दिया है कि जिनके पास सदविद्या रूपी धन है उनका मान-सम्मान करना चाहिए, उनसे भौतिक ऐश्वर्य से स्पर्धा नहीं की जा सकती है।विद्या कुरूपों के लिए रूप का कार्य करती है। यह यश और सुखों की दात्री है। विद्या गुरुओं की भी गुरु कहलाती है। विदेश जाने पर यह बन्धु का कार्य करती है, विद्या का मान-सम्मान राजा लोग भी करते हैं। यह परमदेव तुल्य सामर््यवती है।

प्रश्न 4. भर्तुहरि जी ने किसे मनुष्य का वास्तविक आभूषण माना है ?

उत्तर-भर्तृहरि जी ने वाणी यानि सत्यवादिता को मनुष्य का नित्य आभूषण माना है। उनका मानना है कि कटककुण्डलादि से स्नान एवं विलेपन आदि तथा स्वच्छ एवं सुगन्धित तथा सजे-संवरे बाल भी मनुष्य को उतना सुशोभित नहीं कर पाते जितना मधुर एवं सत्यपरायण वाणी मनुष्य को सुशोभित करती है।

प्रश्न 5. लोकस्थिति अर्थात् लोकमर्यादा किस प्रकार के व्यक्तियों पर आश्रित है ?

उत्तर-भर्तृहरि जी के अनुसार जो व्यक्ति अपनों के प्रति उदार होते हैं, नौकर चाकरों के प्रति दयालुता का भाव रखते हैं, दुर्जनों के प्रति दुष्टता, क्रूरता से पेश आते हैं, सज्जनों से प्रेम करते हैं, राजाओं के साथ नीति कुशलता एवं विद्वानों के प्रति सरलता का व्यवहार करते हैं, शत्रुओं के प्रति पराक्रम दिखाते हैं, और गुरुओं के प्रति सहनशीलता रखते हैं; उन्हों पर लोकस्थिति यानि लोकव्यवहार टिका है। अर्थात् वही लोकव्यवहारनिपुण माने जाते हैं।

प्रश्न 6. सत्संगति विषयक भर्तृहरि के विचारों को अपने शब्दों में लिखो।

उत्तर-भर्तृहरि जी सत्संगति को एक ऐसी अच्छाई मानते हैं; जो मनुष्य के लिए कामधेनु की तरह कार्य करती है। वे कहते हैं कि सत्संगति मनुष्य की बुद्धि की जड़ता को दूर करती है, वाणी में सत्य का संचार करती है, मान-सम्मान को बढ़ाती है, दुर्गुणों को दूर करती है, हृदय को प्रसन्न रखती है तथा यश फैलाती है। इसलिए मनुष्य को सदैव सत्संग करने का प्रयास करना चाहिए।


Comments

  1. Sujata sharma
    Major-history
    sr. No. 8

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  2. Sejal kasav
    Major sub.- pol.science
    Minor sub.- hindi
    Sr.no.-01

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  3. Name Akshita Kumari Major Political Science Sr.No.70

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  4. Sejal kasav
    Major sub.-pol.science
    Minor sub.- hindi
    Sr.no.-01

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  5. Akriti choudhary
    Major history
    Sr.no 11

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  6. Poonam devi sr no 23 major political science

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  7. Riya thakur
    Sr. No. 22
    Major political science

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  8. Mehak
    Sr.no .34
    Major political science

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  9. Mohini sharma
    Sr no. 18
    History

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  10. Name Richa Sr.no 35
    Major hindi

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  11. VIVEk Kumar Pol science sr no 38 dehri

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  12. Anjli
    Major-Political science
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    Sr.no 73

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  13. Chetna choudhary Major pol science minor Hindi sr no 13

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  14. Divya Kumari major political science sr.no 60.

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  15. Mamta Bhardwaj
    Sr no 01
    Major history

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  16. Monika Dadwal
    Major History
    Sr No.72

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  17. Monika Dadwal
    Major History
    Sr No.72

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  18. Name. tanvi Kumar
    Sr. No. 69
    Major. Pol. Science

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  19. Diksha Devi
    Major history
    Sr. No. 50

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